यहां तक की प्राण वायु ऑक्सीजन की भी कमी होने लग गयी. डॉक्टर्स ने तो ये तक कह दिया की जिन मरीजों को कोरोना के कम लक्षण है वो अपने घर पर ही होम आइसोलेट हो जाये। ऐसे में भारत के मित्र देशो ने मेडिकल सामान मुहया करवा रहे है. इनमे अमेरिका , जर्मनी , रूस , फ़्रांस , UAE , सिंघापुर यहाँ तक टी चीन भी शामिल है. कुछ देश आक्सीजन सिलेंडर भेज रहे है, कुछ मेडिकल उपकरण भेज रहे है , कुछ आक्सीजन कसेंटेटर भी भारत भेज रहे है. इस कोरोना काल में भारत की तीनो सेनाये भी मदद कर रही है. ऐसे में हमारा फ़र्ज़ भी बनता है की हम भी कुछ ऐसे ही उपाय घर ही कर ले ताकि हमारे डॉक्टर्स की हेल्प हो सके. इसमें एक सिम्पल चीज शामिल है उसका नाम है Pulse oximeter.
अगर आपके पास ये पल्स ऑक्सीमीटर (जो ऑक्सीजन लेवल को मापता है) है तोह आप अपने मरीज को कब हॉस्पिटल लेकर जाना है या नहीं इसका पता लगा सकते है. तो दोस्तों चलिए आपको आज इसी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देते है.
ये एक बिलकुल छोटी से मशीन ही है. जैसा की नाम से ही पता चल रहा है की ये हमारी शरीर की आक्सीजन के बारे में जानकारी देती है साथ ही ये RBC के बारे में भी बता देती है. इसे इस्तमाल करने के लिए आपको सिर्फ अंगुली पर लगाना है. अंगुली पर लगाने से किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता है. इसके बार इस pulse oximeter की डिजिटल डिस्प्ले में रीडिंग आती है जो हमे हमारे खून में ऑक्सीजन का saturation level बताती है.
What is pulse oximeter ? पल्स ऑक्सीमीटर क्या होता है |
ये एक बिलकुल छोटी से मशीन ही है. जैसा की नाम से ही पता चल रहा है की ये हमारी शरीर की आक्सीजन के बारे में जानकारी देती है साथ ही ये RBC के बारे में भी बता देती है. इसे इस्तमाल करने के लिए आपको सिर्फ अंगुली पर लगाना है. अंगुली पर लगाने से किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता है. इसके बार इस pulse oximeter की डिजिटल डिस्प्ले में रीडिंग आती है जो हमे हमारे खून में ऑक्सीजन का saturation level बताती है.
आपको हम बता दे की हमारे ब्लड में आक्सीजन होती है और यही ऑक्सीजन के प्रवाह होने से हमारे शरीर के सभी अंग काम करते है. ये शरीर के किसी भी हुवे बदलाव को पकड़ लेता है. आपको शायद Oxygen saturation का मतलब समज नहीं आया होगा। मै आपको बताना चाहूंगा की इसका मतलब आरबीसी यानि लाल रक्त कोशिकाएं से है क्यों की यही आक्सीजन को शरीर में इधर उधर ले जाती है.
Pulse Oximeter कैसे काम करता है ?
ये छोटी सी डिवाइस बड़े सिंपल तरीके से काम करती है. जब इसको अंगुली पर लगाया जाता है तब ये अंगुली की त्वचा पर एक लाइट को छोड़ता है. ये लाइट हमारे शरीर की खुन की कोशिकाओं के हलचल के साथ साथ उनके कलर का भी पता लगा देती है. इससे खून में आक्सीजन का पता चल जाता है. हम आपको बता दे की एक हेल्थी मनुष्य में आक्सीजन का लेवल 96 होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता यानि 94 से यदि आक्सीजन लेवल निचे चला जाता है तो ये एक खतरनाक स्थिति हो सकती है.
हमारे देश के हॉस्पिटल तो कोरोना मरीजों से पहले से ही फूल हो गए है. ऐसे में यदि आपको कोरोना हो जाए तो आपको होम आइसोलेशन की ही राय दी जाएगी। ऐसे में आप कैसे पता कर पाएंगे की आपको घर पर होम आइसोलेट होना चाइये या फिर आपको हॉस्पिटल की जरूरत है. जब ऐसी स्तिथि आपके सामने आ जाये तोह ये पल्स ऑक्सीमीटर आपके बोहोत काम आ सकता है.
क्या आपको पता है पल्स ऑक्सीमीटर कोरोना में भी साहयक है ?
हमारे देश के हॉस्पिटल तो कोरोना मरीजों से पहले से ही फूल हो गए है. ऐसे में यदि आपको कोरोना हो जाए तो आपको होम आइसोलेशन की ही राय दी जाएगी। ऐसे में आप कैसे पता कर पाएंगे की आपको घर पर होम आइसोलेट होना चाइये या फिर आपको हॉस्पिटल की जरूरत है. जब ऐसी स्तिथि आपके सामने आ जाये तोह ये पल्स ऑक्सीमीटर आपके बोहोत काम आ सकता है.
इसे कैसे काम में ले वो हमने ऊपर बता दिया है. कोरोना के मरीजों को इसे दिन में 3 / 4 बार जरूर काम में लेना चाइये। यदि आपको ऐसा लगे की आपका आक्सीजन लेवल सामान्य से निचे है तो आपको उसी वक्त हॉस्पिटल चले जाना चाइये।
डिस्केलमर - दोस्तों हमारे द्वारा दी गयी जानकारी को करने से पहले आप डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लेवे। किसी भी प्रकार की अनहोनी के लिए हम जिम्मेदार नहीं है.
डिस्केलमर - दोस्तों हमारे द्वारा दी गयी जानकारी को करने से पहले आप डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लेवे। किसी भी प्रकार की अनहोनी के लिए हम जिम्मेदार नहीं है.
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